MSP ₹7,263, मगर टोकन बंद—राजस्थान का किसान क्यों बेच रहा औने-पौने दाम पर?
राजस्थान के मूंगफली किसान हर साल MSP की उम्मीद करते हैं, लेकिन सरकार की सीमित खरीद योजनाएँ इस उम्मीद को तोड़ देती हैं। नवीनतम लाइव डेटा इस कड़वी हकीकत को चीख-चीखकर बता रहा है।
⚖️ वादा और हकीकत: कितना MSP, कितनी खरीद?
| MSP दर | ₹7,263 प्रति क्विंटल (खरीफ 2025–26) |
|---|---|
| खरीद सीमा | 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक |
| सरकारी लक्ष्य | कुल उपज का केवल 25% (चित्तौड़गढ़, 26-10-2025) |
परिणाम: किसान को ₹7,263 के वादे के बावजूद, उसकी बाकी उपज मंडी में अक्सर MSP से कम दाम पर बेचनी पड़ती है।
🛑 लाइव डेटा: टोकन की ताला बंदी
आज की रिपोर्ट MSP खरीद की सबसे बड़ी समस्या को उजागर करती है—अवसरों की कमी:
* लिमिट पूरी, बुकिंग बंद: चित्तौड़गढ़ में केवल 4023 किसानों के लिए बुकिंग खुली और लक्ष्य पूरा होते ही तुरंत बंद कर दी गई।
* बाहर हुए किसान: किसान नेताओं के अनुसार, एक-तिहाई किसान भी पंजीकरण नहीं करा पाए और अब मजबूर हैं।
* असमान वितरण: खरीद केंद्र जैसे भादसौड़ा को मात्र 481 क्विंटल का लक्ष्य मिला—यह दिखाता है कि MSP केवल कुछ किसानों के लिए है, सबके लिए नहीं।
> 💬 किसान का दर्द: "सरकार तो ₹7,263 का नारा देती है, पर टोकन मिला सिर्फ 25 क्विंटल का। बाकी उपज मंडी में घाटे में देनी पड़ी। ये MSP नहीं, मजबूरी है!"
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🚜 किसान की मांग: MSP को गारंटी बनाओ!
जब तक ये संरचनात्मक कमियां दूर नहीं होंगी, किसान को राहत नहीं मिलेगी:
* सीमा उन्मूलन: 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की खरीदी सीमा को तत्काल खत्म किया जाए।
* समान अवसर: हर जिले में पर्याप्त गोदाम और खरीद केंद्र खोलकर, MSP खरीद को समान बनाया जाए।
* कानूनी गारंटी: MSP पर खरीद को केवल नीति नहीं, बल्कि किसानों का कानूनी अधिकार बनाया जाए।
निष्कर्ष
MSP को अपना असली मूल्य दिखाने के लिए, सरकार को '25% लक्ष्य' से आगे बढ़कर '100% सुरक्षा' की गारंटी देनी होगी।
मांग साफ है: सीमा बढ़ाओ! हर किसान को ₹7,263 का पूरा लाभ दिलाओ! 🌾


